समय ने न सिर्फ़ हर चीज के मायने बदल दिए हेँ बल्कि रिश्तों को देखने का नजरिया भी बदल दिया है खास तौर से दिल्ली जैसे शहरों में रहने वालों के। यहाँ वालों के लिए तो यह बदलाव सामान्य बात है, मगर छोटे शहरों या कस्बाई कल्चर से आने वाले लोगों के लिए यह बदलाव या तो एक मजाक लग सकता है अथवा उनके पैरों नीचे से जमीं खिसकाने वाला हो सकता है।
पिछले दिनों मेरी एक दोस्त का जन्मदिन था, उसने काफ़ी पहले से प्लानिंग कर रखी थी की ऑफिस से छुट्टी लेकर हम पूरा दिन मस्ती करेंगे, एक मूवी देखेंगे और हो सका तो सेंट्रल पार्क भी जायेंगे। उसकी तमन्ना थी इसलिए मैंने भी इनकार नही किया। जैसा की हर आम दिल्ली वाले के साथ होता है की जिस चीज को देखने के लिए लोग देश के कोने कोने से यहाँ आ jate हैं, उस चीज को देखने के लिए यहाँ रहने वालों के पास टाइम नहीं होता है । इसी तरह से हम भी पहले कभी सेंट्रल पार्क नहीं गए थे । मगर जब से पार्क बन कर taiyar हुआ उसके बारे सुना, पढ़ा बहुत था इसलिए सुबह जब घर से निकलने लगे तो साथ में camera भी रख लिया। सेंट्रल पार्क जाकर ऐसा कुछ नहीं दिखा जिसके बारे में हमने सोचा था फ़िर भी साथ में camera था तो उसका istemal तो करना ही था। शायद यह पहला मौका था की हम बिना वजह बैठकर ये सब कर रहे थे इसलिए अपने आप पर हँसी तो aani ही थी । मगर बाद में देखा तो मेरी दोस्त के ये फोटो इतनी अच्छी लगी की उसने orkut
पे load कर दी। कुछ लोगों ने तो फोटो देख के बहुत अच्छा बताया मगर कुछ ने कहा की यार जल्दी से फोटो hataओ। वजह pucha तो बताया की तुम दोनों एक साथ इतने खुश हो, इतनी intimacy नजर आ रही है इसलिए अजीब लग रहा हैलोग तुम्हे abnormel समझ लेंगे। चलो बात aai गई हो gai।
पिछले दिनों हम friendship डे पर kahin jane का प्लान कर रहे थे तो बीच में एक दोस्त बोल पड़ी, यार तुम लोग कितने अजीब हो, मैं तो तुम्हारे साथ नहीं आ रही, मैं अभी इतनी भी modern नहीं hun, ये सुनकर सभी एक दुसरे की तरफ़ देखने लग गए। उसके bolne का matlab तो सबकी समझ आ रहा था मगर इस बात का फ़ैसला कोई नहीं कर पाया की वो कम modern है ki और log ? इसलिए कुछ कहने से बेहतर प्लान cancil करना ही लगा। friendship डे के दुसरे दिन मेरा एक class mate मुझसे मिलने आया। बातों बातों में उसने बताया की मैंने friendship डे पे बहुत enjoy किया । मैंने कहा, क्या क्या किया? तो बताया- long drive पे गया था udaypur तक। मैंने खुश हो के कहा - ऑफिस friends के साथ गए hoge? इतना बोलना था की वह कहता- आर yu crazy? With my girl friend यार। उसकी बातें sunne के बाद मेरे सामने पहले वाली दोनों बातों का matlab समझ आ गया। और ये भी की समय के साथ सब कुछ बदल जाता है लोगों की सोच, रिश्तों के मायने और किसी चीज को देखने का nazariya भी। जो नहीं badalta उसे और लोग या तो abnormal समझ लेते हैं या जरुरत से jyada modern..................
इतना भी बुरा नहीं यह वक्त, जितना सब कोसते हैं
11 years ago
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