Sunday, April 27, 2008

ख्वाहिशें

तुम्हारी आंखॊं में जॊ तस्वीर झलक रही है
क्या वॊ मेरी है
ये सांसॊं की खुशबू जॊ फिजां में फैल रही है
क्या वॊ मेरी है
जिसके आने से तुम्हारा चेहरा खिल उठता है
क्या वॊ मै हूं
जिन बाहॊं में तुम खुद कॊ भुला देते हॊ
क्या वॊ मेरी हैं
जिसके नाम से तुम्हारा दिल धड़कता है
क्या वॊ मेरा है
तुम्हें कसम है मेरी बस इतना बता दॊ
तुम्हारे दिल में जॊ तस्वीर है
क्या वॊ मेरी है

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